दोस्तों, आज हम बात करेंगे “बेंचिंग” के बारे में। बेंचिंग एक ऐसा शब्द है, जो अक्सर रिश्तों में सुनने को मिलता है। रिश्ते में बेंचिंग का मतलब क्या होता हैं ? चलो, हम सरल और आसान भाषा में समझते हैं कि benching meaning in relationship क्या होता हैं?
बेंचिंग का मतलब | Benching Meaning in Relationship?
रिलेशनशिप में बेंचिंग का मतलब होता है, जब कोई इंसान किसी को डेट कर रहा हो लेकिन पूरी तरह से कमिटमेंट नहीं कर रहा हो। जैसे खेल में बेंच पर बैठाने का मतलब होता है कि खिलाड़ी खेल में नहीं है, वैसे ही रिश्ते में बेंचिंग का मतलब होता है कि व्यक्ति रिश्ते में पूरी तरह से नहीं जुड़ा है। यहाँ पे किसी तरह वादा नहीं किया जाता। अगर मन भर जाता हैं तो उस इंसान को छोड़ दिया जाता हैं।
अगर कोई इंसान bore होता हैं या अकेला महसूस करता तो वह आपके साथ समय तो बिताता हैं लेकिन रिलेशनशिप में नहीं आता।
कैसे जाने कि आपको बेंच किया जा रहा है?
आपको नज़रअंदाज़ करना: अगर आपका दोस्त या गर्लफ्रेंड/बॉयफ्रेंड आपको ज्यादा ध्यान नहीं देता है और हमेशा बिजी रहता है, तो हो सकता है कि वह आपको बेंच कर रहा हो।
मिलने का प्लान नहीं करना: अगर वह आपके साथ मिलने की कोई प्लान नहीं बनाता और हर बार टालता है या बहाना बनता हैं, तो यह बेंचिंग का सिग्नल हो सकता है।
कम बातचीत: अगर वह आपके मेसेजस का जवाब देने में देर करता है या बिल्कुल जवाब नहीं देता, तो यह भी बेंचिंग हो सकती है।
दूसरे लोगों से मिलना: अगर वह और लोगों से मिल रहा है और आपके बारे में सीरियस नहीं है, तो यह बेंचिंग हो सकती है।
कैसे होता है बेंचिंग?
जब कोई इंसान आपको पूरी तरह से छोड़ता नहीं है, लेकिन आपके साथ पूरी तरह से जुड़ता भी नहीं है, तो इसे बेंचिंग कहते हैं। वो कभी-कभी आपसे बात करता है, मिलता है, लेकिन ज्यादा कुछ नहीं करता। जैसे, आपको फोन करता है, लेकिन मिलकर समय नहीं बिताता। या फिर मैसेज भेजता है, लेकिन जवाब देने में बहुत समय लेता है। वह केवल अपनी इमोशनल ज़रूरतों को पूरा करना चाहता हैं। यहाँ पर दोनों अपनी ज़िन्दगी अपने हिसाब से बिताते हैं।
अगर दोनों में से किसी को कोई और पसंद आ जाता हैं तो वह बेन्चिंग रिलेशनशिप को छोड़ देता हैं। यहाँ दूसरे इंसान को भी पता होता हैं की यह बेन्चिंग रिलेशनशिप हैं और उसे इस बात का बुरा भी नहीं लगता।
यहाँ पर किसी तरह की बॉन्डिंग नहीं होती और ना ही पर्सनल बाते शेयर की जाती हैं। यहाँ आपसे किसी तरह के सवाल जवाब नहीं होते जैसे कि आप किसी से मिलने क्यों गए थे या आप दुसरो से क्यों बाते करते हो ?
बेन्चिंग में इस बात की भी गुंजाईश होती हैं की दोनों में से एक या दोनों पार्टनर किसी और के साथ भी रिलेशनशिप में होते हैं।
इस तरह के रिलेशन में बहुत ज़्यादा efforts की ज़रुरत नहीं पड़ती हैं। बस में बीच बीच कुछ कॉल्स या मेसेजस करना होता हैं। अगर दोनों के पास समय हो तो वह मिल भी लेते हैं।
अगर सरल भाषा में कहे तो यह टाइमपास रिलेशनशिप होता हैं जो बस present पे focused होता हैं। यहाँ भविष्य के बारे में कुछ नहीं सोचा जाता। जब तक एक दूसरे से ख़ुशी मिल रही हैं तब तक साथ रहा जाता हैं। अगर कोई और मिल जाता हैं तो बेन्चिंग को ख़तम किया जाता हैं।
इस तरह के रिलेशन का प्रमुख कारण ये हैं की आजकल के कपल लम्बे वक़्त तक रिश्ता नहीं संभाल पाते हैं। उनका मन चंचल हो जाता हैं। उन्हें एक से ज़्यादा लोग पसंद आने लगते हैं। वह आपको ऑप्शन बना के रखते हैं।
दोस्तों , बेन्चिंग रिलेशन में आपको इस बात का ध्यान देना ज़रूरी होता हैं कि कही आपका पार्टनर आपके लिए सीरियस तो नहीं हो जाएगा। अगर उसके अगर उसके मन में आपके लिए फीलिंग्स आ गई तो तकलीफ हो सकती हैं।
बेंचिंग क्यों होता है?
1. कन्फ्यूज्ड होना : कुछ लोग confirmed नहीं होते कि वे रिश्ते में क्या चाहते हैं।
2. आपको ऑप्शन में रखना: कुछ लोग चाहते हैं कि उनके पास हमेशा option हों।
3. डर: कुछ लोग सीरियस रिश्ते में आने से डरते हैं।
4. ट्रस्ट का नहीं होना : कुछ लोग किसी पर पूरी तरह भरोसा नहीं कर पाते।
बेंचिंग से कैसे बचे?
1. साफ़ साफ़ बात करें: अपने साथी से सीधे बात करें और पूछें कि वह क्या चाहता है।
2. बात करके क्लियर करे: अपने रिश्ते में सफाई की मांग करें। जानें कि आपका साथी रिश्ते में कितना सीरियस है।
3. समय दें: अपने साथी को समय दें लेकिन अपनी भावनाओं का भी ध्यान रखें।
4. खुद को इम्पोर्टेंस दे: खुद को महत्व दें और ऐसे रिश्ते में न रहें जहां आपको बेंच किया जा रहा हो।
बेंचिंग के फायदे और नुकसान क्या हैं ?
बेंचिंग के फायदे
– आपको समय मिलता है खुद को समझने का।
– आप और लोगों से मिल सकते हैं और नए दोस्त बना सकते हैं।
बेंचिंग के नुकसान
– आप एमोशनली hurt हो सकते हैं।
– आपका समय बर्बाद हो सकता है।
– आपको रिश्ते में कुछ clearity नहीं मिलती।
– दोनों में से किसी को प्यार हो सकता हैं जिस से प्रॉब्लम हो सकती हैं।
बेंचिंग से बचने के तरीके
खुली बातचीत: हमेशा अपने साथी से खुलकर बातचीत करें।
लिमिटेशन तय करें: अपने रिश्ते में लिमिट तय करें और उनका पालन करें।
खुद पर ध्यान दें: हमेशा खुद को priority दें।
समय दें: रिश्ते को समय दें लेकिन अगर चीजें साफ़ नहीं हो रही हैं तो सोचें कि क्या यह रिश्ता आपके लिए सही है।
निष्कर्ष : Benching Meaning in Relationship
दोस्तों, बेंचिंग एक ऐसा टॉपिक है, जिसे समझना जरूरी है। अगर आपको लगता है कि आपको बेंच किया जा रहा है, तो इस बारे में साफ़ बात करें।
खुद को इम्पोर्टेंस दें और ऐसे रिश्ते में रहें जहां आपको इज्जत और प्यार मिले। याद रखें, एक अच्छा रिश्ता वही है जिसमें दोनों लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं और प्यार करते हैं।
दोस्तों, अगर आपका benching meaning in relationship से जुड़ा कोई सवाल हैं तो आप कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हो। आप अपने दोस्तों के साथ इस लेख को share कर सकते हैं। आपके सवालो के जवाब आपको तुरंत मिल जाएंगे।